क्यु करु मैं इज़हार??
क्यु करू मैं इज़हार जब मुझको एक तरफ़ा मोहब्बत का दर्द अच्छा लगता है?
क्यु करू मैं बाते उससे जब मुझे उसको देखना अच्छा लगता है?
क्यु बुलाउ मैं पास उसको जब मुझको वो दूर से ही अपना लगता है?
क्यु खोलू मैं अपनी आँखे जब मुझको ये सपना सच्चा लगता है??