होते क्या परिवार ??
होते क्या परिवार ??
शिक्षा की नव नीति है,मुखरित हों संस्कार।
समझें जानें लोग यह, होता क्या परिवार।।
मातु पिता संतान ही, नहि होता परिवार।
बाबा दादी अरु बुआ , भी होते स्वीकार।।
शिक्षा भारत देश की,रखती शक्ति महान।
करना इसपर गर्व है,समुचित रचा विधान।।
संस्कृति अपने देश की, समझें जानें लोग।
जगहित की रख भावना,करें उचित उद्योग।।
खान पान अरु वेश में,झलके हिन्दुस्तान।
सत्य सोच प्रबलित रहे, शोभित रहे विधान।।
भूले से भी भूल कर,आए नहीं विकार।
जनगण के उर में बसें,उत्तम ही संस्कार।।
डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम