भोर सुहानी तब लगती है
भोर सुहानी तब लगती है
जब दिनकर खिलकर मुस्कुराता है
हृदय पुलकित तब होते है
जब प्रेम रंग रिश्तों में घुलता है
सुहानी सुबह,और रिश्तों की बहार संग
सुप्रभात 🌹🌿🌅
निरंजना डांगे
भोर सुहानी तब लगती है
जब दिनकर खिलकर मुस्कुराता है
हृदय पुलकित तब होते है
जब प्रेम रंग रिश्तों में घुलता है
सुहानी सुबह,और रिश्तों की बहार संग
सुप्रभात 🌹🌿🌅
निरंजना डांगे