अनन्त आभार
आभार… आभार
अनन्त आभार
हर एक का आभार
हृदय से साभार ।
उन सबका आभार
जिन्होंने जीवन पथ पर
मेरा साथ दिया
जहॉं कहीं लड़खड़ाए कदम
आगे बढ़कर हाथ दिया
कुछ सुझाया कुछ सुलझाया
और मुझे रचनात्मक बनाया
कुछ कर गुजरने का
हृदय में जज्बा जगाया
सफलता के शिखर की ओर
कदम बढ़ाना सिखाया ।
लेकिन इस पावन बेला में
उन सभी जल कुकड़ों का भी
व्यक्त करता हूँ आभार
जो मुझसे जलते रहे
राह में अवरोध पैदा करते रहे
किसी के न किसी बहाने
मुझे चर्चा में बनाए रखा
मेरी राह में शूल बिखेरे
और काँटे भी बोये
जगह-जगह कीचड़ फैलाया
और मुझे कमल सा खिलाया ।
आभार… आभार
अनन्त आभार
हर एक का आभार
हृदय से साभार…।
गोल्डन राइटर्स की सूची में शामिल होने पर
मेरी 50वीं काव्य-कृति : ‘स्पन्दन’ में प्रकाशित प्रथम रचना।
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
प्राइड ऑफ नेशन अवार्ड प्राप्त
हरफनमौला साहित्य लेखक