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12 Oct 2025 · 1 min read

दुनिया जैसी भी है इसका करना क्या

गज़ल

इसीमें जीना और इसीमें मरना क्या
दुनिया जैसी भी है इसका करना क्या

बेसिर पैर की ये दुनिया है, किसकी है
इक दिन मैं भी मर जाऊंगा वरना क्या !

जो भी मुझसे कहना है बेबाक कहो
तिरछी नजरें और इशारे करना क्या

आक़ाओं की चिलम सियासी भरते हैं
भरे हुओं के अंदर चाबी भरना क्या

भीड़ की ताली पर जिनका ईमान टिका
ऐसे डरे हुओं से हमको डरना क्या

-संजय ग्रोवर

( तस्वीर: संजय ग्रोवर )

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