“सम्पूर्ण क्रांति से मेरा तात्पर्य समाज के सबसे अधिक दबे-कुच
“सम्पूर्ण क्रांति से मेरा तात्पर्य समाज के सबसे अधिक दबे-कुचले व्यक्ति को सत्ता के शिखर पर देखना है।”
— लोकनायक जयप्रकाश नारायण
(जन्मदिन विशेष :// 11 अक्टूबर 1902)
“सम्पूर्ण क्रांति से मेरा तात्पर्य समाज के सबसे अधिक दबे-कुचले व्यक्ति को सत्ता के शिखर पर देखना है।”
— लोकनायक जयप्रकाश नारायण
(जन्मदिन विशेष :// 11 अक्टूबर 1902)