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10 Oct 2025 · 1 min read

मुक्तक

मुक्तक

देखो,देखो; नेताओं का नकली प्यार।
सिंहासन पाने को आतुर, नेता हजार।
आगे-पीछे हो चले, कमलपुष्प तोड़ने;
पर, औंधे मुंह गिरते हैं; सब बारंबार।
pk

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