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9 Oct 2025 · 1 min read

ये ज़िंदगी है जनाब!

ये ज़िंदगी है जनाब!

ज़िंदगी में मुश्किलें कहाँ नहीं ,
कठिनाइयाँ कहाँ नहीं,
परेशानियाँ कहाँ नहीं ,
ये ज़िंदगी है जनाब !
कोई गुलदस्ता नहीं ।।

हरमिंदर कौर, अमरोहा

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