ये मेरी कौम के रहनुमा भी सुनें
ये मेरी कौम के रहनुमा भी सुनें
मेरी उजड़ी हुई दास्तां भी सुनें
जो मुझे मुल्क तक मानते ही नही,
सारी दुनिया के वो हुक्मरां भी सुनें
सिर्फ लाशें ही लाशें मेरी गोद मे,
कोई पूछे मैं क्यूँ इतना ग़मगीन हूँ
मैं फलस्तीन हूँ.. मैं फलस्तीन हूँ..