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5 Oct 2025 · 1 min read

सायली छंद

सायली छंद
सृजन दृश्य – आश्चर्य
*1
**2
***3
**2
*1

आश्चर्य
नयन भरा
जबसे देखी मैंने
सूरत सलोनी
तुम्हारी ।

सुंदर
रंग भरे
प्रकृति फूलों में
होता देख
आश्चर्य।

आत्मा
नहीं धिक्कारती
आश्चर्य होता है
लोग करते
कुकर्म ।

इंसान
बदलता रूप
पल-पल कितने
होता है
आश्चर्य।

रिश्ते
टूटते अगर
मत कर आश्चर्य
लोग स्वार्थी
बनते।

पूजा
रोज करते
अंतस कपट भरते
साधक कैसे
आश्चर्य।

चित्रकारी
देख कर
तितली पंखों की
मन आश्चर्य
भरता ।

सीमा शर्मा

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