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5 Oct 2025 · 1 min read

राम जगत का मूल हैं, राम मुक्ति का धाम।

राम जगत का मूल हैं, राम मुक्ति का धाम।
कर मन धारण नाम को, तारक-मारक राम।।

बिना राम के नाम के, सरे न कोई काम।
जीवन के हर कर्म में, रमे हुए हैं राम।।

नित मर्यादा में रहे, कर्म करे निष्काम।
संकट में संयम वरे, कहें उसे ही राम।।

© सीमा

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