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3 Oct 2025 · 1 min read

जीवन के सफर में तेरी आँखें

जीवन के सफर में तेरी आँखें,
उस पल की तरह थीं — बिल्कुल नई,
जब पहली बार तू सामने आई,
और मेरी साँसें थम गईं कहीं।

न वो दिन भूला, न वो शाम गई,
तेरी निगाहों से जब बात हुई,
लफ़्ज़ नहीं थे, फिर भी सब कह गया,
जो एहसास तेरी आँखों से बह गया।

तेरी आँखें… जैसे कोई राज़ हो,
जो बस मेरे लिए लिखा गया हो,
हर झलक में कुछ अपना-सा था,
हर पलक में इश्क़ सजा हुआ सा था।

तू कुछ कहती, उससे पहले ही,
तेरी नज़रों ने सब कुछ कह दिया,
जैसे बरसों से जानता हूँ तुझे,
जैसे मिलना हमारा मुक़द्दर में लिखा।

वो पहली नज़र का जादू,
आज तक दिल से उतरा नहीं,
तेरी आँखों में जो देखा उस रोज़,
उससे हसीन कोई सपना नहीं।

अब हर सुबह उसी पल से शुरू होती है,
जहाँ पहली बार तुझसे नज़र मिली थी,
और हर रात उसी ख़ामोशी में ढलती है,
जहाँ तेरी आँखों में मेरी दुनिया खिली ।

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