कविता
आत्मा का संगीत
सृष्टि का सौन्दर्य
भावना का उदगार
आनन्द का है द्वार
शब्द नहीं ये शांति
भावनाओं का रंग
ज्ञान पुंज प्रकाश
सुंदर स्वप्न महल है
कला का सत्य रूप
विचारों की मूर्ति में
सर्वोच्च सौंदर्य जड़ा
कला रूप निखरता
भाषा की पुष्प कली
कल्पना की परीलोक
हुंकार से मृदुल पुकार
कविता का जो श्रृंगार
भाव पूर्ण अधिकार मांग
थोड़े में ही शक्ति महान
कविता की यही पहचान
गुनगुनाना भी मधुर संगीत
निरसता में सरसता भरता
कविता करनाऔर लिखना
अनंत पुण्यों का मीठा फल ।
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टी .पी .तरुण