नसीब से ही सब आता है
सच है नसीब से ही सब आता है
वरना…
क्यों गरीब भूखा रह जाता है
क्यों हर बार मासूम सजा पाता है
क्यों चरित्रवान पर लगते है लांछन
क्यों दयावान झेले दुख दर्द हर क्षण
क्यों धुर्त की होती पौ बारह
क्यों कमजोर का नहीं कोई सहारा
क्यों अन्याय ये ख़त्म नहीं हो पाता है
सच है नसीब से ही सब आता है
चित्रा