ग़ज़ल 2122 1212 22
ग़ज़ल 2122 1212 22
चांद को इश्क़ में मिला क्या है,
चांदनी को वो जानता क्या है।
कारवाने-वफ़ा कहाँ जाये ,
बेवफ़ाई का रास्ता क्या है।
हम चराग़ों से प्यार करते हैं,
तो हवाओं का फ़ैसला क्या है।
खेती का काम अच्छा तो है पर,
गांव के बच्चों ने पढ़ा क्या है।
जब वो पूछे तुम्हें हुआ क्या है,
कहना तू मुझसे चाहता क्या है ।
बारहा गांव जाने तू कहे क्यूं,
गांव में रिश्तों से बड़ा क्या है ।
मान सम्मान से बड़ा नहीं कुछ ,
भ्रष्ट पैसों का सर झुका क्या है।
( डॉ संजय दानी दुर्ग )