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2 Oct 2025 · 1 min read

राम -राम की रट लगा, ढ़ोंग रचे राजेश।

राम -राम की रट लगा, ढ़ोंग रचे राजेश।
मन के अंदर है छुपा, बड़ा विकट लंकेश।

राजेश पाली ‘सर्वप्रिय’

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