संघर्ष जो कभी नहीं बदलते...
संघर्ष जो कभी नहीं बदलते…
मानवता ने परमाणु का विखंडन किया है, जीनोम का मानचित्रण किया है, चाँद पर कदम रखा है और तारों से परे मशीनें भेजी हैं। फिर भी, इस सारी प्रगति के पीछे, वही संघर्ष बचे हैं—अकेलापन, ईर्ष्या, भय, प्रेम, हानि और अर्थ की खोज।
प्राचीन ग्रंथ हमें याद दिलाते हैं कि ये नए बोझ नहीं, बल्कि मानव हृदय के शाश्वत साथी हैं। हम अंतरिक्ष पर विजय प्राप्त कर सकते हैं, फिर भी निराश हैं। हम महाद्वीपों के पार बात कर सकते हैं, फिर भी अपने सबसे करीबी लोगों को समझने में असफल रहते हैं।
शायद मानवीय परिस्थितियाँ कोई हल करने योग्य समस्या नहीं, बल्कि जीने योग्य वास्तविकता हैं। बुद्धिमत्ता संघर्ष को समाप्त करने में नहीं, बल्कि साहस, अनुग्रह और करुणा के साथ उसका सामना करने में निहित है।
और शायद यह जानकर सुकून मिलता है कि हमारे संघर्ष केवल हमारे नहीं हैं, बल्कि सदियों से चली आ रही एक कहानी का हिस्सा हैं।