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16 Sep 2025 · 1 min read

कभी ये गलत फेमी नहीं रखी

कभी ये गलत फेमी नहीं रखी
ओर कभी ये मैने किसी को नहीं कहा खो कर पछताओगे
क्योंकि लोगों को लोग कही न कही
कभी ना कभी मिल ही जाते है
बत्तर से बेहतर,बेहतर से बेहतरीन
ज्यादा खास बनने के सबूर में मत रहो।
जितना रहो साफ नियत ओर ईमानदार वजूद के साथ रहो
खास बनने का भरोसा काफी तकलीफ देता है
जब वक्त की फ़िरत ओर इंसान का नियत बदलता है।
खास बनने का सबूर तकलीफ देता है।

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