छोटी सी हस्ती है तेरी
छोटी सी हस्ती है तेरी
क्यों मन अहंकार से भरा
छोड़ दे मोहमाया
अब मेरी शरण में आ ।
मुझसे जो तूने था पाया
वापस मुझमें ही समायेगा,
तन छोड़ मन को चमका
तेरा पुण्य ही तेरे काम आएगा।
चित्रा बिष्ट
छोटी सी हस्ती है तेरी
क्यों मन अहंकार से भरा
छोड़ दे मोहमाया
अब मेरी शरण में आ ।
मुझसे जो तूने था पाया
वापस मुझमें ही समायेगा,
तन छोड़ मन को चमका
तेरा पुण्य ही तेरे काम आएगा।
चित्रा बिष्ट