Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
29 Aug 2025 · 3 min read

रिटायरमेंट

व्यंग्य
रिटायरमेंट

पूरा देश चिंता में डूबा था। क्या होगा? कैसे होगा? उम्र 75 की होने जा रही है। रिटायरमेंट लेना पड़ेगा। यह उम्र कोई रिटायरमेंट की है। उम्रदराज तो 58,60,62, 65 के होते है। जब सरकारी फरमान आता है…आप बूढ़े हो गए हैं। आपको जाना होगा।
जी। अभी तो मेरे अंदर ऊर्जा है। काम कर सकता हूं।
“नहीं। नियम है। इस उम्र में रिटायर होना ही होगा। ”
रिटायरमेंट शाश्वत है। जिस तरह संसार में जो आया है, उसे जाना पड़ता है। ठीक उसी प्रकार नौकरी से जाना होता है। आज आपका नंबर है। कल उसका होगा। परसों उसका।
शर्मा जी दो महीने से तैयारी कर रहे थे। अब यह करूंगा, वो करूंगा। विदाई की बेला आ गई। शर्मा जी वैसे सफारी पहनते नहीं थे। आज सफारी में आए थे। दफ्तर में घुसते ही स्टाफ ने तालियां बजाई। एक कोने में एक अटैची रखी थी। शर्मा जी समझ गए। बोरिया बिस्तर समेटना होगा। अब तो जाना होगा। आमतौर पर सफारी दो ही अवसर पर पहनी जाती है। जब आप रिटायर हो जाओ। या किसी की शादी में जाओ।

समारोह शुरू हुआ। बारी बारी से सबने स्तुति गान किया। दुश्मन भी आज सराहना कर रहे थे..शर्मा जी ने अपना काम पूरी निष्ठा और ईमानदारी से किया। ( हम ही बस जड़ों में मट्ठा डालते रहे)। ये किया। वो किया। सबको साथ लेकर चले। ( अब अटैची लेकर जायेंगे)।

अंत में शर्मा जी को बोलना था। झर झर आंसू बह रहे थे। उनकी देखादेखी और लोग भी रो रहे थे… “अभी न जाओ छोड़कर के दिल अभी भरा नहीं।” फिर अटैची दी गई। गुलदस्ते दिए गए। कार/ बाइक/स्कूटी तक लोग छोड़ने आए। किसी ने स्टार्ट की। किसी ने चाभी लगाई। किसी ने कार का गेट खोला। इतनी इमोशनल भीड़ पहली बार देखी। शर्मा जी ने हाथ जोड़े..अभिवादन किया।”
सर आप चिंता मत करना। हम आपके साथ हैं।” कुछ दिन बाद इनके फोन ही उठने बंद हो गए। फेस बुक पर लोग अभी भी शर्मा जी को बधाई दे थे…बधाई। शुभकामनाएं । दूसरी पारी की हार्दिक शुभकामनाएं। अब सैर करो। अपने लिए जियो। बहुत काम कर लिया।

सीन दो
रिटायरमेंट का मतलब है…गई नौकरी। आगे क्या होगा? बेटी जवान है। शादी कैसे होगी? मकान का किराया, बिजली का बिल आदि आदि सौ खर्चे हैं। कैसे होगा? ग्रेच्युटी निबट गई। उस पर बिल्ली पहले ही नजर लगाए थी। पेंशन आती रही। शर्मा जी सांसें गिनते रहे। दो चार जगह हाथ पैर मारे। कुछ दिन चला। फिर नहीं चला। +60 क्लब में पौधे लगाते रहे। बच्चों को पढ़ाते रहे। आंसू पीते रहे। हंसी बांटते रहे।
मध्यम वर्ग की यही दिक्कत है कि वो रिटायर होता है। रिटायरमेंट शब्द बना ही मध्यम वर्ग के लिए है। लाला जी 80 साल की उम्र में भी बेधड़क दुकान चलाते हैं। बिजनेसमैन डंके की चोट पर कहता है…बच्चों को सौंप दिया है बिजनेस ! बच्चों का शेयर 20% है। 80% मेरे पास। यानी सात पुश्ते सुरक्षित।

सीन तीन
75 साल के लोगों को पॉलिटिकल कंपनी बूढ़ा नहीं मानती। जब 120 साल की माता जी वोट दे सकती हैं तो नेता जी चुनाव क्यों नहीं लड़ सकते। नेता कोई सरकारी कर्मचारी है? जो रिटायर हो।
पिछले कुछ समय से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेचैनी थी। अमेरिका चिन्ता में था। बूढ़े ट्रंप आयेंगे या नहीं? वह आ गए। अपुन के यहां भी चैनल वालों को रात को नींद नहीं आ रही थी। ओह नो! 75 के होने जा रहे हैं..आगे क्या होगा ? हमारा क्या होगा?
अब पिक्चर क्लियर हो गई है। न मैं रिटायर होऊंगा और न वो। यह कोई रिटायरमेंट की उम्र है? राजनीति में बूढ़े नहीं, जवान रिटायर होते हैं। पार्टी रिटायर करती है। देश नहीं। देश को इतनी फुरसत कहां, जो यह चिंता करे कि नेता जी को रिटायर कर दो। यह हाइकमान का काम है। वो जाने?
सियासत कभी रिटायर नहीं होती। वह चर अचर सभी प्राणियों में समान रूप से निरपेक्ष भाव से पाई जाती है। घर से लेकर दफ्तर तक, महिलाओं से लेकर बच्चों तक,
दुकान से लेकर व्यापार तक, संगठन से लेकर सरकार तक, दिल से लेकर दलों तक राजनीति ही राजनीति है। कब किसको उठाना है। कब गिराना है। यह हमारा हर दिन का काम है। रिटायरमेंट के बाद भी राजनीति का घुन दफ्तरों को खाता है..कैसा चल रहा है?, क्या नया हो रहा है? वो काम कर पा रहा है या नहीं? ट्रेड और ट्रेंड का नाम ही राजनीति और रिटायरमेंट है।
खैर
उनकी चिंता छोड़ो। अपनी सोचो। दिसंबर आ रहा है। रिटायर हो जाओगे। क्या करोगे? सुनो। पार्टी ज्वाइन कर लो।

सूर्यकांत

Loading...