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27 Aug 2025 · 1 min read

परित्याग

क्रोधाभाव के
अंतिम स्वरूप
उत्पन्न होने वाला भाव है “परित्याग,”
परन्तु, किसी नई राह में
पहला कदम रखने
से पहले का भाव है
“स्विकार्यता”
और जब तक आपमें
यह भाव नहीं आया है
तो
समझिए
अभी भी आप वहीं खड़े हैं
और इतिहास को दोहरा रहै है।

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