खूँ से लिपटा हो तो अरमान बुरा लगता है
खूँ से लिपटा हो तो अरमान बुरा लगता है ,
ग़ैर करता है , जो एहसान बुरा लगता है।1..
बिन बुलाए जो ,चला आए किसी के घर में ,
मेज़बानो को , वो मेहमान बुरा लगता है ।2..
ज़िंदगी आपकी , आज़ाद नहीं है लोगों ,
सच कहा जिसने, वो इंसान बुरा लगता है ।3..
अपने अल्फ़ाज़ से , महका गए आलम सारा
गुल से ख़ाली हो , वो गुलदान बुरा लगता है ।4..
माँ क़सम छोड़ दिया आह व ज़ारी करना,
बीच महफ़िल दिखे ,अनजान बुरा लगता है।5..
हद में रहते ही कहाँ , ख़्वाब सुनहरे उनके ,
सामने रख के कहा , पान बुरा लगता है।6..
लौट जाओ, न कभी लौट के वापस आना ,
हाकिमों का भी ,ये फ़रमान बुरा लगता है।7..
आति जाती हैं , किनारों से मचलती लहरें ,
इन का होता न था सम्मान , बुरा लगता है ।8..
नील कहती है, कि सागर से उलझना छोड़ो
जब किनारे हों बियाबान , बुरा लगता है ।9..
✍️ नीलोफर ख़ान नील रूहानी..