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26 Aug 2025 · 1 min read

#मुक्तक...

#मुक्तक…
मुगालतापसंदो के लिए।
(प्रणय प्रभात)
बेमतलब में घायल मत जज़्बात करो।
दुनिया में ना ख़ुद ही ख़ुद से घात करो।।
रिश्तों की औक़ात समझ आ जाएगी।
रूठ के देखो थोड़े दिन मत बात करो।।
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