सीधी सट्ट- ७८०
सीधी सट्ट- ७८०
आम आदमी बहुतायत की सोच से सोचता है अर्थात जो विषय, वस्तु या स्थिति बहुत सारे लोगों के लिए जैसी है, मेरे लिए भी वैसी ही होगी/ होनी चाहिए। जब वह इस तरह से सोचने से बचने लगता है, आम आदमी की वैचारिक सीमा से दूर होने लगता है।