Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
24 Aug 2025 · 1 min read

हरियाली ही हरियाली

हरियाली ही हरियाली

हरियाली ही हरियाली छाई,
धरती ने हरी चूनर पहनाई।

पेड़ों पर पत्तों की फुहार,
फूलों में खिलता सिंगार।

नदियाँ गाती मधुर तराना,
पक्षी करते मीठा गाना।

खेतों में लहराती बालियाँ,
जीवन देतीं सुनहरी डालियाँ।

हरियाली से दुनिया प्यारी,
मिटती है हर चिंता भारी।

सुख-शांति का देती संदेश,
प्रकृति का यह अनुपम वेश।

Loading...