ज़िंदगी
अफ़सोस नहीं तेरे न होने पर मुझको अब।
सारे पल जो बिताए थे वहीं बन गई जिंदगी के किताब मेरी।।
साथ उनके चलूंँ हाथ में हाथ थाम कर।
मुस्कुराती रहे जिंदगी जब मैं उनके साथ रहूँ।।
ज़िंदगी तमन्नाओं का खिताब है जीने के लिए,
जो पूरी न हो अधूरी रह ही जाती बेहिसाब है जिंदगी।
ज़िंदगी के बारे में कितना भी पढ़ लो कम है “बिपिन”,
बस हर एक पल खुशी से जी लिए वही है जिंदगी।।
रचनाकार _
बुद्ध प्रकाश
मौदहा हमीरपुर।