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23 Aug 2025 · 1 min read

*साम्ब षट्पदी---*

साम्ब षट्पदी—
23/08/2025

दरवाजा।
सारे खोल देना।।
आया कलयुगी राजा।।
नये संकल्पों को सजाकर।
नये बीज अंकुरित करने को,
नवयुग के लिए रखे हैं छुपाकर।।

खामियाजा।
देना होगा राजा।।
किये बहुत हैं वादे।
हम सचमुच सीधे सादे।।
वैचारिक क्रांति हुई है सफल।
निकल नहीं सकोगे तुम आज कल।।

परिभाषा।
बनूँ है प्रयास।
ढाल रहा चाक पर,
पहले जैसा नहीं उदास।।
उसे तो वरण करना ही होगा,
उसके भी मन पर है ये अभिलाषा।।

— डॉ. रामनाथ साहू “ननकी”
संस्थापक, छंदाचार्य
(बिलासा छंद महालय, छत्तीसगढ़)

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