पद्म पुरस्कार के लिए नामित डॉ. सुनील चौरसिया 'सावन' की उपलब्धियां
पद्म पुरस्कार (पद्म विभूषण, पद्म भूषण तथा पद्मश्री) के लिए नामित साहित्यकार डॉ. सुनील चौरसिया ‘सावन’ हिन्दी साहित्य के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं। पद्म पुरस्कार के लिए नामांकन के दौरान आपसे कुछ महत्वपूर्ण साहित्यिक प्रश्न पूछे गये। आपने सभी प्रश्नों के सारगर्भित ज़वाब दिये। प्रस्तुत है वह साहित्यिक प्रश्नोत्तरी –
प्रश्न:-आपकी अनूठी एवं अग्रणी उपलब्धियां कौन-कौन सी हैं?
डॉ. सुनील चौरसिया ‘सावन’ :- साहित्य जगत में निरंतर उल्लेखनीय कार्य करने हेतु एवं समाज सेवा हेतु राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनेक सम्मान प्राप्त हुए हैं जो निम्नलिखित हैं-
1. The Beacon of equality award, 2020 (बांग्लादेश में सम्मानित)
2. जिला एवं सत्र न्यायाधीश, बाराबंकी के द्वारा सम्मानित
3. राष्ट्रीय भोजपुरी सम्मेलन, 2017 (बिहार) में सम्मानित
4. उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान, 2024 (केन्द्रीय विद्यालय संगठन के द्वारा सम्मानित)
5. सहायक आयुक्त, केंद्रीय विद्यालय संगठन के द्वारा सम्मानित
6. विद्या वाचस्पति मानद उपाधि
(काशी हिन्दी विद्यापीठ, वाराणसी से सम्मानित)
7. हिन्ददेश साहित्य सम्मान, 2020 (असम में सम्मानित)
8. कोरोना योद्धा सम्मान (जयपुर, राजस्थान में सम्मानित)
9. पुरातन छात्र सम्मेलन, बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुशीनगर में सम्मानित
10. मधुशाला काव्य गौरव सम्मान, 2019
11. अग्रसर हिंदी साहित्य सम्मान, 2020
12. भारत भाग्य विधाता स्मारिका सम्मान, 2024
(उत्तर प्रदेश हिंदी साहित्य संस्थान, लखनऊ में सम्मानित)
13. निराला शब्द संवाद मंच, पडरौना के द्वारा सम्मानित
14. मधुर साहित्य सामाजिक काव्य संस्था, लक्ष्मीगंज के द्वारा सम्मानित
15. केंद्रीय विद्यालय संगठन के द्वारा देश के 25 सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों में सम्मानजनक स्थान प्रदान किया जाना।
16. शिक्षक दिवस के अवसर पर केंद्रीय विद्यालय संगठन की वेबसाइट पर सम्मानजनक स्थान प्राप्त होना।
विशेष उपलब्धियां -1. श्रीमद्भगवद्गीता के सांख्ययोग का ‘श्रीकृष्णार्जुन भावधारा’ नाम से भावानुवाद ।
2. विश्व भोजपुरी सम्मेलन के बैनर तले काशी में मॉरीशस, इंग्लैंड, दुबई, ओमान, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका इत्यादि 16 देशों के साहित्यकारों के साथ काव्य-पाठ।
3. दस्तक साहित्य संसार, वाराणसी के द्वारा मेरी साहित्यिक ज़िन्दगी पर लघु डॉक्यूमेंट्री फिल्म का निर्माण।
4. आकाशवाणी वाराणसी एवं गोरखपुर से गीतों एवं कविताओं का प्रसारण।
5. फिल्म स्टूडियो से हिंदी एवं भोजपुरी गीतों का प्रसारण।
6. सावन साहित्य सेवा सदन की स्थापना
7. विद्यार्थियों एवं साहित्यकारों की कृतियों को देश-विदेश के अखबारों में प्रकाशित करवाना एवं उन्हें सम्मानित करना।
8. सावन साहित्य सेवा सदन के बैनर तले नियमित साहित्यिक गतिविधियों का आयोजन करना।
9. पंचरत्न (अनाथ, विधवा, तलाकशुदा स्त्री, दिव्यांग एवं किन्नर) को यथासंभव सहयोग प्रदान करना।
प्रश्न – क्या आप अपने क्षेत्र का सबसे बड़ा नाम हैं?
डॉ. सुनील चौरसिया ‘सावन’ :- बेशक मैं कह सकता हूं कि मेरा साहित्य उच्च कोटि का है जिससे समाज को एक नई दिशा मिलती है। आओ! पढ़ाई कर लो बेटी’, ‘विश्व को बचाना है तो वृक्ष लगाना सीखो भारत’, ‘बात कहें सांचे सुनील चौरसिया’, ‘महंगा वर’ इत्यादि कविताएं विद्यार्थियों एवं पाठकों को कंठस्थ हैं। मेरे मर्मस्पर्शी गीतों को श्रोतागण गुनगुनाते हैं । जब रचनाएं सहजता से पाठकों के मन को छू जाए तब रचनाकार का कद स्वत: बढ़ जाता है।