कालेज में रहे हम भी कभी दोस्तों के साथ।
मुक्तक
कालेज में रहे हम भी कभी दोस्तों के साथ।
थी खुश गवार हर घड़ी ही दोस्तों के साथ।
इक दोस्त क्यों कहे कि दुआ मुझको दीजिए,
रहतीं दुआएं दोस्तों की, दोस्तों के साथ।
……..✍️ सत्य कुमार प्रेमी