सबक के गुलदस्ते
फूलों के सुगंध से उपवन महक जाते हैं
गुणों के प्रभाव से संस्कार चमक जाते हैं
जीवन के अनुभव सच्चे ठोस होते हैं
भौतिकता में बहकर अक्सर लोग होश खोये हैं
आलसी और प्रमादी किस्मत पर रोते हैं
कुंद बुद्धि वाले ही व्यर्थ समय खोये हैं
काम क्रोध लोभ में जो लगाते गोते हैं
इस संसार सागर में जीवन ही डुबोते हैं
जीवन एक कस्ती है संसार एक धारा है
स्वर्ग नर्क मझधार है मोक्ष ही किनारा है
जीवन अनमोल यह प्राप्त हुआ प्यारा है
जो इसकी कीमत समझे वो जौहरी न्यारा है