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17 Aug 2025 · 1 min read

आओ करे अब शुरुआत

आओ करे अब शुरुआत
मिट जाये सरनेम जात
फिर नहो जगमें पक्षपात
मानवता ही रहे साक्षात

कर में हो सदा आग
उर में भी रहे फाग
कोई न करें आधात
मानवता ही रहे साक्षात

गायें वंदेमातरम गान
भारती का हो गुणगान
गिरकर हम हो प्रपात
मानवता ही रहे साक्षात

उपयोगिता कब उपासना कारक
आओ बने धर्म धारक
कुछ भी नहीं जन्मजात
मानवता ही रहे साक्षात
___संजय निराला

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