आओ करे अब शुरुआत
आओ करे अब शुरुआत
मिट जाये सरनेम जात
फिर नहो जगमें पक्षपात
मानवता ही रहे साक्षात
कर में हो सदा आग
उर में भी रहे फाग
कोई न करें आधात
मानवता ही रहे साक्षात
गायें वंदेमातरम गान
भारती का हो गुणगान
गिरकर हम हो प्रपात
मानवता ही रहे साक्षात
उपयोगिता कब उपासना कारक
आओ बने धर्म धारक
कुछ भी नहीं जन्मजात
मानवता ही रहे साक्षात
___संजय निराला