बजाओ कुछ इस तरह से मुरली बदल जाए सभी की सोच यहाँ सारी।
बजाओ कुछ इस तरह से मुरली बदल जाए सभी की सोच यहाँ सारी।
हो हर तरफ़ प्रेम की बारिश और नफ़रतें उसमें डूब जाए सारी।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”
बजाओ कुछ इस तरह से मुरली बदल जाए सभी की सोच यहाँ सारी।
हो हर तरफ़ प्रेम की बारिश और नफ़रतें उसमें डूब जाए सारी।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”