मेरे बाबा साहेब भीम
कर्म की अवहेलना देखी है समाज ने,
अगूंठे कटने का दंश झेला है एकलव्य ने,
प्रत्यंचा चढाते रुका है, स्वयंबर छोड़ा है कर्ण ने,
प्रतिरक्षा के आभूषण दान दिये हैं कर्ण ने,
अतीत और भविष्य के काल कल्पित कथा कहानियों ने,
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सिखने न दिया, स्वावलंबी बनने से रोक लिया अभिमान ने,
बेफिजूल मारे गए निहथे लोग,
एक कृष्ण को सर्वश्रेष्ठ बनाने में,
शिखंडी जिसे आधा पुरूष, आधा स्त्री देखा गया, उत्पाती स्थापित करने में.
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सनातन को समझे बगैर सनातनी पेटेंट हो गया, भूले हो, कहते हो सीखना मत, गिर जाते है पके हुए फल,, कब तक चिपके रहोगे, गिरते रहेंगे मानवीय मूल्य कबतक व्यर्थ चाशनी चढाओगे.
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राम राम है, कृष्ण कृष्ण भूमिका तथागत बुद्ध की भूल न पाओगे, मनन मंथन रैदास, कबीर, नानक से दूरदर्शिता साहेब बाबा का समर्थन पाओगे…
सम्विधान है भारत है, भारत है तो विधायक है .।
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महेन्द्र खालेटा
मेरे बाबा साहेब बाबा प्ररेणा स्त्रोत हैं 🎯