***15 अगस्त***
🇮🇳 15 अगस्त 🇮🇳
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लहू से लिखी है आज़ादी की कहानी,
शूरवीरों ने दी थी कुर्बानी।
फांसी के फंदे को गले लगाया,
मुस्कुराकर मातृभूमि का कर्ज चुकाया।
जेल की सलाखों में गीत गाए,
देश के लिए आंधियां ,सह गए।
सपनों में बसता था तिरंगा प्यारा,
हर दिल कहता था “वंदे मातरम्”
खून से सींचा ,इस धरती को,
शहीदों ने दी ,अपनी जान
आजादी की कीमत, यही चुकाई
अपनों से ज्यादा , भारत मां को चाहा
15 अगस्त का ये पावन दिन 🇮🇳
हमें नही है, भूलना
आओ तिरंगे की शान बढ़ाएं,
शहीदों के सपनों का, भारत बनाएं।
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डॉ मनोरमा चौहान
( मध्य प्रदेश हरदा)
१५.८.२५