मत समेटो उन्हें उनको तो बिखर जाने दो
मत समेटो उन्हें उनको तो बिखर जाने दो
बीते लम्हात के तिनको को बिखर जाने दो
चांद हसरत से ठहरता है तेरी खिड़की पे
अपने कमरे मे आज उस को बिखर जाने दो
लौट के आएगा ना कोई पखेरू इसमें
गर बिखरता है नशेमन तो बिखर जाने दो
तेरी जुल्फों से कोई और तवक्को तो नहीं
मेरी सानो पे जो बिखरे तो बिखर जाने दो
मेरी आखों में कई ख्वाब पले बरसों तक
अब न रोको उन्हे अब उनको बिखर जाने दो