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15 Aug 2025 · 1 min read

मत समेटो उन्हें उनको तो बिखर जाने दो

मत समेटो उन्हें उनको तो बिखर जाने दो
बीते लम्हात के तिनको को बिखर जाने दो

चांद हसरत से ठहरता है तेरी खिड़की पे
अपने कमरे मे आज उस को बिखर जाने दो

लौट के आएगा ना कोई पखेरू इसमें
गर बिखरता है नशेमन तो बिखर जाने दो

तेरी जुल्फों से कोई और तवक्को तो नहीं
मेरी सानो पे जो बिखरे तो बिखर जाने दो

मेरी आखों में कई ख्वाब पले बरसों तक
अब न रोको उन्हे अब उनको बिखर जाने दो

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