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13 Aug 2025 · 1 min read

आजादी दिलवानी चाहिए थी ,

आजादी दिलवानी चाहिए थी ,
शहर और समाज की गंदगी से ।
मगर यह तो बेजुबानों को कैद करने लगे ।
ताकत वालों पर तो कोई जोर चला नहीं ,
कमज़ोरों की आजादी छीनने यह चले ।

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