आजादी दिलवानी चाहिए थी ,
आजादी दिलवानी चाहिए थी ,
शहर और समाज की गंदगी से ।
मगर यह तो बेजुबानों को कैद करने लगे ।
ताकत वालों पर तो कोई जोर चला नहीं ,
कमज़ोरों की आजादी छीनने यह चले ।
आजादी दिलवानी चाहिए थी ,
शहर और समाज की गंदगी से ।
मगर यह तो बेजुबानों को कैद करने लगे ।
ताकत वालों पर तो कोई जोर चला नहीं ,
कमज़ोरों की आजादी छीनने यह चले ।