जो तुम गये सब बहारें गयीं।।
जो तुम गये सब बहारें गयीं।।
फिर दरमियां रह दरारें गयीं।
बस इक प्रतीक्षा हृदय को दिये।
सावन गया सब फुहारें गयीं।।
***
अंकित शर्मा ‘इषुप्रिय
जो तुम गये सब बहारें गयीं।।
फिर दरमियां रह दरारें गयीं।
बस इक प्रतीक्षा हृदय को दिये।
सावन गया सब फुहारें गयीं।।
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अंकित शर्मा ‘इषुप्रिय