अहीर छंद
अहीर छंद
सममात्रिक, ग्यारह मात्रा , चार चरण, दो दो या चारों तुकांत
चरणांत – जगण (121) , आंठवां लघु अनिवार्य।
रोचक मोहक भाव
लिए मिले सब साव
लोर गहे दिन रात
उनसे कर कुछ बात
बात करो दिलदार
पुलकित हो व्यवहार
जगत यही अनुबंध
सुवास लिए सुगंध
संजय निराला