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9 Aug 2025 · 1 min read

#आगृह...

#आगृह…
अपनी, अपनों की, अपनी धर्म रूपी आत्मा के देह रूपी आवरण, अपने आधार वातावरण व सृष्टि के मूलाधार पर्यावरण के शील की रक्षा के प्रति मन, वचन व कर्म से प्रतिबद्ध व संकल्पित रहें।
संबंध रूपी सूत्रों को सदा सर्वदा के लिए सुंदर व सुदृढ़ बनाएं। सूत्रबंधन के महापर्व श्रावणी की आत्मिक मंगलकामनाएं।
प्रणय प्रभात
संपादक
न्यूज़&व्यूज (मप्र)

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