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6 Aug 2025 · 1 min read

रीति-रिवाजों के बल पर मैं

अगर कहीं शोषण कर पाता
इस दुनिया पर मैं छा जाता

कुछको गर जीजा कह पाता
कईयों का जीजा कहलाता

रीति-रिवाजों के बल पर मैं
लोगों के ऊपर लद जाता

कुछ से कोई बात टीपता
सबको कोई बात बताता

कुछको गर मैं गुरु मानता
कईयों का गुरुवर कहलाता

मैं दुनिया में कैसे छाऊं
नहीं है कुछ भी आता जाता

-संजय ग्रोवर

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