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5 Aug 2025 · 1 min read

हमारे बीच दूरियों की एक गहरी खाई है ll

हमारे बीच दूरियों की एक गहरी खाई है ll
बहुत महंगी यादों के पुल की बनवाई है ll

फिर भी आराम से गुजर हो रहा है,
तुम्हारी यादों से ठीक-ठाक कमाई है ll

यादों के जोड़ मजबूत क्यों न होंगे,
दोनों तरफ से अश्कों से हुई तराई है ll

सुकून का खून करके मानता है,
तुम्हारी यादों का वक्त क़साई है ll

तुम्हारी यादों की धूप मुझ पर पड़ रही,
मेरे पास तुम न सही, तुम्हारी परछाईं है ll

तन्हाई, बेचैनी, घबराहट इत्यादि में,
तुम्हारी याद‌ ही एक रामबाण दवाई है ll

तुम जल्दी आओ वरना टल सकती है,
इश्क की अदालत में आज हमारी सुनवाई है ll

❣️❣️

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