World Lung Cancer Day
धुंआ नहीं, अब तो हवा भी जहर बन गई है,
फेफड़ों की चुप्पी, खुदा की सजा बन गई है।
सांसों की राह में कांटे बिछाए हैं इसने,
कैंसर की चुप्पी, अब तो दुआ बन गई है।
धुंआ नहीं, अब तो हवा भी जहर बन गई है,
फेफड़ों की चुप्पी, खुदा की सजा बन गई है।
सांसों की राह में कांटे बिछाए हैं इसने,
कैंसर की चुप्पी, अब तो दुआ बन गई है।