मुझसे अब कुछ ना कहो तुम
मुझसे अब कुछ ना कहो तुम, मेरा काम करने दो मुझको।
करना है क्या, करना नहीं क्या, यह मालूम है मुझको।।
मुझसे अब कुछ ना कहो———————-।।
मुझको मतलब क्या तुमसे, खुद को तुम खुद ही संभालो।
कुछ भी नहीं सुनना चाहता, अपना काम पसंद है मुझको।।
मुझसे अब कुछ ना कहो———————।।
पसंद नहीं है गुलामी यह, चाहे मुफलिसी में रह लूँ ।
सब्र दिया है खुदा ने, भीख नहीं पसंद है मुझको।।
मुझसे अब कुछ ना कहो——————–।।
मुझको नहीं चाहिए नसीहत, आदत पहले अपनी सुधारो।
क्यों सजाऊँ तेरी तस्वीर, दिखावा पसंद नहीं है मुझको।।
मुझसे अब कुछ ना कहो———————।।
मुझको क्या बर्बाद करोगे, देखो बदनामी अपनी।
मैं नहीं चाहता महल को, यह जमीं पसंद है मुझको।।
मुझसे अब कुछ ना कहो——————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला-बारां(राजस्थान)