Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
25 Jul 2025 · 2 min read

धरा धाम: सौहार्द शिरोमणि संत डॉ. सौरभ पाण्डेय की एक वैश्विक पहल

धरा धाम: सौहार्द शिरोमणि संत डॉ. सौरभ पाण्डेय की एक वैश्विक पहल

आज जब विश्व अनेक धर्मों, संस्कृतियों, भाषाओं और आस्थाओं में बंटा हुआ प्रतीत होता है, ऐसे समय में ‘धरा धाम’ एक ऐसी प्रेरणास्पद पहल बनकर उभरता है जो न केवल सर्वधर्म समभाव को मूर्त रूप देता है, बल्कि मानवता को उसकी जड़ों से जोड़ने का भी प्रयास करता है। इस क्रांतिकारी एवं ऐतिहासिक अभियान के प्रणेता हैं — सौहार्द शिरोमणि संत डॉ. सौरभ पाण्डेय, जिन्होंने अपने विचार, आचरण और संकल्पों से यह सिद्ध कर दिया है कि एकात्मता, करुणा और सहयोग की भावना ही सच्चा धर्म है।

धरा धाम का उद्देश्य:
धरा धाम का मूल उद्देश्य है — सभी धर्मों को एक समान आदर के साथ एक ही छत के नीचे स्थान देना, जहाँ प्रत्येक व्यक्ति बिना किसी भय, भेदभाव या असुरक्षा के अपनी आस्था के अनुसार पूजा-अर्चना कर सके। यह भारत के गोरखपुर जिले के भस्मा गाँव में स्थापित किया जा रहा है, परंतु इसकी दृष्टि केवल भारत तक सीमित नहीं है। यह एक वैश्विक अभियान है जो दुनिया भर में भाईचारे, धार्मिक सहिष्णुता और पर्यावरणीय चेतना का संदेश दे रहा है।

वैश्विक दृष्टिकोण:
धरा धाम में विश्व के प्रमुख धर्मस्थलों से पवित्र जल और पवित्र मिट्टी को एकत्र कर लाया गया है — यह प्रतीक है समूचे विश्व की आध्यात्मिक एकता का। यह एक ऐसा तीर्थ बनने जा रहा है जहाँ न केवल पूजा होगी, बल्कि शोध, संवाद, पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा, चिकित्सा और सामाजिक सेवा का संगम भी होगा।

धार्मिक विज्ञान केंद्र और मौनानुभूति:
डॉ. सौरभ पाण्डेय द्वारा स्थापित ‘धार्मिक विज्ञान केंद्र’ और ‘मौनानुभूति ध्यान पद्धति’ आधुनिक जीवनशैली में तनाव, अवसाद और आत्मविस्मृति की समस्या का समाधान प्रस्तुत करते हैं। यह विज्ञान और आध्यात्म का संगम है, जो आध्यात्मिक ही नहीं, मानसिक एवं सामाजिक स्वास्थ्य का मार्ग भी खोलता है।

वृक्षारोपण और हरियाली विवाह जैसे अभियान:
धरा धाम के तहत 36,500 से अधिक वृक्षारोपण का लक्ष्य पूर्ण हो चुका है। इसके अतिरिक्त “हरियाली विवाह” जैसा अभियान समाज में पर्यावरणीय चेतना और जिम्मेदार जीवनशैली को बढ़ावा दे रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय सम्मान और सराहना:
धरा धाम की अंतरराष्ट्रीय स्वीकार्यता इस बात की साक्षी है कि डॉ. सौरभ पाण्डेय का यह प्रयास समय की माँग है। हाल ही में अनेक देशों के धार्मिक प्रतिनिधियों, राजनयिकों और विद्वानों ने इस परियोजना की सराहना की है और इसे मानवता की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल बताया है।

निष्कर्ष:
धरा धाम केवल एक संस्थान नहीं, बल्कि एक विचार है — मानवता के पुनर्जागरण का विचार। सौहार्द शिरोमणि संत डॉ. सौरभ पाण्डेय के नेतृत्व में यह विचार एक आंदोलन का रूप ले चुका है जो हर मानव हृदय में करुणा, एकता और प्रेम की लौ प्रज्वलित करता है।

आज, जब पूरी दुनिया को संकीर्णता से उबारने की आवश्यकता है, तब धरा धाम जैसे प्रयास नवयुग के तीर्थ बनकर हमें सच्चे धर्म की राह दिखाते हैं।

Loading...