योग में मस्त है लोग
योग में मस्त है लोग
योग में मस्त है लोग
तभी तो खिलखिलाते है लोग
योग की महिमा अपरंपार,
मस्तिष्क और शरीर को रक्त पहुंचाना है सार ।
लोगों के जीवन में योग से आता है सुख,
योग से मिलता है आत्मिक शांति और बन जाते हैं हसमुख ।
भिन्न भिन्न आसन
और प्राणायाम,
संयम,संतुलन और निरोग
योग से एकाग्रता
खुद के अंगों से परिचय
भीतर और बाहर के प्रकृति से जुड़ जाते है लोग।
भोग, विलास की दुनिया
त्यागते है लोग,
सात्विक और सरल हो जाते है लोग।
सुबह की सैर में अ ह हा हंसते है लोग
हंसते गाते जीवन जीते है लोग
योग से प्रसन्नता बिखरी है रोज।
(21 जून अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर विशेष)
साहित्यकार
संतोष कुमार मिरी
“विद्या वाचस्पति”
नवा रायपुर छत्तीसगढ़