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22 Jul 2025 · 2 min read

राष्ट्रीय पुष्प कमल महत्व और प्रतिस्पर्धा

राष्ट्रीय पुष्प कमल: महत्व और प्रतिस्पर्धा

कमल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है।और यह कमल भारत का राष्ट्रीय पुष्प है, जो कि अपनी सुंदरता और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह पुष्प न केवल अपनी अद्वितीय सुंदरता के लिए जाना जाता है, बल्कि इसके धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी हैं। इसे कई नामों से पुकारा जाता है जैसे पंकज, सरोज, जलज, नीरज, अंबुज, अरविंद, नलिन, उत्पल, पुंडरीक आदि हैं।इनके वानस्पतिक नाम नीलंबियन न्यूसिफ़ेरा (Nelumbian nucifera)) है।यह वनस्पति जगत का एक पौधा है जिसमें बड़े और सुन्दर फूल खिलते है जो अत्यंत ही मनोहारी और अनुपम है।
कमल का महत्व भारतीय संस्कृति में बहुत अधिक है इसे धन,वैभव,ऐश्वर्य पवित्रता और आध्यात्मिकता का प्रतीक माना जाता है। कमल की सुंदरता और इसकी विशेषताओं ने इसे कला, साहित्य और संगीत में एक लोकप्रिय विषय बना दिया है।

आजकल, कमल की खेती और इसके संरक्षण के लिए कई प्रतिस्पर्धाएं आयोजित की जाती हैं। इन प्रतिस्पर्धाओं में, लोग कमल की विभिन्न प्रजातियों को उगाने और उनकी देखभाल करने के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। यह प्रतिस्पर्धाएं न केवल कमल की सुंदरता को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करती हैं, बल्कि इसके संरक्षण और प्रचार के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। कमल नाल से मखाना बनता है जो बहुत ही पौष्टिक होता है।इसके कंदमूल, नाल की सब्जी बनाई जाती है।इसके फल को पोखरा के नाम से जानते है और इसे खाते भी है।
निष्कर्षतः आवश्यकता इस बात की है कि भारत में तालाबों की संख्या बहुत है इन सब तालाबों में राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत गहरीकरण ,समतलीकरण,सौंदर्यीकरण किया गया है।इन सभी तालाबों में कमल की खेती को सरकार के द्वारा बढ़ावा और छूट मिल जाए तो किसान समृद्ध होगा।हमारी पर्यावरण में सुधार होगा ।हर गांव गांव के तालाबों और जलाशयों में राष्ट्रीय कमल पुष्प खिल जाएंगे। सुंदर नजारा देखने को मिलेगा,वर्षा के जल एकत्रीकरण होगी,जल का स्तर भी सुधरेगा।राष्ट्रीय पुष्प की संरक्षण,संवर्धन भी होगा। इसकी सुंदरता और सांस्कृतिक महत्व के कारण, कमल को राष्ट्रीय पुष्प का दर्जा दिया गया है। कमल की खेती और इसके संरक्षण के लिए प्रतिस्पर्धाएं आयोजित करना एक अच्छा तरीका है जिससे हम इसकी सुंदरता और महत्व को बढ़ावा दे सकते हैं।
(लेखक थरहा संस्था के संस्थापक है और पर्यावरण के संरक्षण,संवर्धन हेतु कई एनजीओ से जुड़कर कार्य कर रहे है।)

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