॥ त्रैलोक्य नाथम् ॥
॥ त्रैलोक्य नाथम् ॥
नमामि तुभ्यम् त्रैलोक्य नाथम्।
नमामि तुभ्यम् हे विश्वनाथम्।।
त्वमादि देव: वर्णित पुराणम्।
जगतगुरु कुरु मे कल्याणम्।।
सदा शिव रुपे निवसन्तु ध्यानम्।
हरे सर्व पापं सकलं निधानम्।।
समर्थ: कुतो तव गुणं बखानम्।
इयं पाठक: तव भक्ते सुजानम्।।
:- राम किशोर पाठक: