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15 Jul 2025 · 1 min read

क्या खूब लिखा है किसी ने संगत का जरा ध्यान रखना साहब, संगत आ

क्या खूब लिखा है किसी ने संगत का जरा ध्यान रखना साहब, संगत आपकी खराब होगी और बदनाम मां बाप और संस्कार होंगे। क्रोध और आँधी दोनों बराबर होते हैं, शांत होने के बाद ही पता चलता है कि नुकसान कितना हुआ है… 🙏🏃🏻संस्कार देते रहिए। अब हमारे समक्ष सबसे बड़ी चुनौती नई पीढ़ी को उनकी सामाजिक जिम्मेदारियों से अवगत कराना है और उनके कर्तव्यबोध का उनको ज्ञान कराना है। संस्कारों की लड़ाई है जीतना जरूरी है। प्रणाम, नमस्कार, वंदेमातरम् …भारत माता की जय🚭‼️

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