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10 Jul 2025 · 1 min read

तस्मै श्री गुरवे नमः

तस्मै श्री गुरवे नमः
सद्गुरु ब्रह्म स्वरूप है, चरनन में सुख वास।
मृण्मय से चिन्मय करे, अंतस भरे उजास।।

जाना जब गुरुदेव से, इस जीवन का सार।
बुद्धि को मेरी मिला, एक नया आकार।।

धर्म-कर्म-मायावरण, चिंता-चिंतन-मोक्ष।
गुरुवर ने समझा दिए, सब प्रत्यक्ष-परोक्ष।।

गुरु का श्रद्धा भाव से, करती वंदन नित्य।
चमके गुर्वाशीष से, मन में ज्ञानादित्य।।
© सीमा

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