श्री कृष्ण वंदना -
श्री कृष्ण वंदना –
विधा – सजल
मात्रा-१४
समांत -अक
श्रीकृष्णा वंदन तुमको
तुम सारे जग के पालक ।
कृपा आप सब पर करना ।
हम सब हैं अबोध बालक ।
बाँसुरी अधरों पर सजे ।
गले मोतियों की जालक ।
यमुना तट रास रचावें।
हो सब जन के चालक ।
रूप मनोहर देख पाऊँ ।
कब होगी ऐसी झालक ।
सिर पर मोर मुकुट सोहे ।
हम सब दर्शन के लालक ।
राधे राधे जो जपता।
उसके तुम हो उद्धारक ।।
मौलिक सृजन
पूनम दीक्षित
कृष्णा विहार कॉलोनी
ज्वाला नगर रामपुर
उत्तर प्रदेश